☀️✳️मैं अकेला ही रहूँगा,तुम न आना,तुम न आना✳️☀️
##मणिकर्णिका##
##ऊटी,नैनीताल,मनाली जा रही है बौनी##
##न न मेरियाना गर्त में चली जा,हनीमून मनाने##
##मेरा खुफिया तेरी ससुराल में भी है##
##हे बौनी-बौना,का हाल चाल सै##
मैं अकेला ही रहूँगा,तुम न आना,तुम न आना,
मैं अकेला ही रहूँगा, तुम न आना,तुम न आना,
दायरे ऐसे थे कभी मिल न सके,
मुश्किल न थी, उन्हें छू न सके,
कुछ सवाल थे,जो मन में रहे,
उनके कहने पर भी, उनसे कह न सके,
मेरा दिल खाली ही सही, तुम न समाना,
मैं अकेला ही रहूँगा,तुम न आना,तुम न आना।।1।।
गोशे की बात थी क्या? कोई सादा,
दोस्त समझकर किया था कोई वादा,
ये दिल का मकाँ है मेरा,बेख़ुदी से भरा,
छोड़कर हमें वो हमें दे गए दुःख और भी ज़्यादा,
मेरी गलियों में तुम न आना न जाना,
मैं अकेला ही रहूँगा तुम न आना, तुम न आना।।2।।
तस्कीन थी मेरी राहों पर तुझे देखा तो,
सिमटी दुनिया हुई बादल जैसी,
कभी कुछ सोचा तुमने मेरे लिए,
वफ़ा के वास्ते दी कोई निशानी कैसी,
छोड़ गए मेरी दुनिया,क्यों कहें साथ निभाना,
मैं अकेला ही रहूँगा तुम न आना, तुम न आना।।3।।
सितारों की चमक है सूरज से,
कोई सूरत न मिलेगी, तेरी सूरत से,
किसी ज़ोर की बात पर शक था कोई,
उसे बदलते तेरे संग तेरी जरूरत से,
मेरे लिए अब मिट्टी का गुलाब भी न बनाना,
मैं अकेला ही रहूँगा,तुम न आना, तुम न आना।।4।।
तस्कीन=साँत्वना, ढाढस, तसल्ली
गोशे-privacy
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