*◆माहिया छंद◆*
◆माहिया छंद◆
तू चितचोर नहीं रे
भौरा उड़ आया
उपवन कली खिली रे।।
महकती रात रानी
पवन उड़ाए गंध
नासिका नथ बिरानी।।
आस पास नहि कोई
वक्त की बात है
समय सुलह गति सोई।।
महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी
◆माहिया छंद◆
तू चितचोर नहीं रे
भौरा उड़ आया
उपवन कली खिली रे।।
महकती रात रानी
पवन उड़ाए गंध
नासिका नथ बिरानी।।
आस पास नहि कोई
वक्त की बात है
समय सुलह गति सोई।।
महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी