*▪अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया*
हर सिक्के के दो पहलू होते है ।
जैसे दिन और रात ।
विश्वास और घात ।
कोरोना ने जहां वैश्विक स्तर पर ।
हर दिशाओ में आया कहर बनकर ।
जानमाल की क्षति की ।
पर उसने जीने के कुछ गुण भी सिखलाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
ध्वनि, जल,वायु प्रदूषण ।
के स्तर को कम कराया ।
सन्नाटा पसरा था सङको पर ।
वाहन का कोई दृश्य नही ।
सब रह गए थे क ही ठहरकर ।
सब सुरक्षा को बरते ।
घर पर ही रहते ।
दादा,दादी,मम्मी, पापा, भाई-बहन सबने ।
साथ बैठ कुछ पल बिताया ।
इस अफरा-तफरी जीवन में किसको समय था ।
परिवार में बैठ सभी ने एक-साथ खाना खाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
अरे! ये क्या ।
वन्यजीव शहर और ग्रामीण की तरफ ।
जंगल का रास्ता भुलाया ।
देखकर चिङियाघर जैसे नजारा ।
बच्चो का दिल हर्षाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
सबके कान रेडियो, मोबाइल,टीवी समाचार पर।
छूट न जाए कोई जानकारी ।
करते सब चर्चा हर द्वार पर ।
ईश्वर में विश्वास सभी का।
कर्म ही कुंजी भाग्य का।
हो नतमस्तक प्रभु चरणो में ।
मिलकर सभी ने दीप जलाया ।
आस्था को और गहरा बनाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
स्वच्छता चरम सीमा पर ।
सबके पास उपलब्ध सैनिटाइजर।
मुख पर मास्क लगाकर ।
दैनिक क्रिया करते सब डटकर ।
जब उदित हुए दिवाकर ।
रात आई सब लौट काम से अपने घर आए ।
रजत रश्मि मे उदित हिमाकर ।
कोई बीमारी क्या भटकेगी ।
सभी ने एहतियात का जाल बिछाया ।
इंसानो की बदली भावना ।
सबने अपना फर्ज निभाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
कोरोना ही था जिसने अकेलेपन की उदासी को हटाया ।
खुश है सब साथ में रहकर ।
अपने मन की बात कहकर ।
जिंदगी कट जाए हँसकर ।
सबने अपनी राह थी बदली ।
सबने अपने को हालात के जैसे ढाला ।
अपना हौसला बढ़ाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
लॉकडाऊन में लुडो ने ।
कुछ अपनी अलग ही जगह बनाया ।
वक्त गुजर जाता इससे ।
आनंद और तब दुगुना हो जाता ।
खेल में जीत जाए हम जिससे ।
इस पल को कौन भूलेगा ।
खेल ओलम्पिक मे नीरज ने स्वर्ण पदक दिलाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
कुछ अपनी सकारात्मकता भी फैलाया ।
सीखे लोग कुछ अलग ही कौशल।
बच्चो का होता भविष्य उज्ज्वल।
हर ने सीखा नया हुनर ।
संगीत,खेल,चित्र, व्यंजन पकाना।
किताब पढकर ज्ञान बढाया ।
जिसने किया सदुपयोग वक्त का वही होते सफल ।
लॉकडाऊन को जिसने सीख का अवसर बनाया ।
रखो सुरक्षित धन अपने पास ।
न जाने कब किस वक्त में काम आया ।
सबको अपनी गरीबी, आलस,मजबूरी का एहसास दिलाया ।
भविष्य के लिए तैयारी करके रखना है कितना जरूरी।
वह प्रकाश दिखाया ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
मानव को संभलना, हालात का सामना करना सीखाया।
है न हमने सही बताया।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया।
देशहित में है कौन खड़ा किसने कितना दमखम दिखाया ।
विस्तृत न हो ।
गागर में सागर भर।
हमने समाज में कोरोना के सकारात्मक असर का भान कराया ।
एक बार फिर कहता हूँ ।
अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया ।
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☆ ☆ RJ Anand Prajapati ☆ ☆*