■ सियासी गलियारा
#कटोक्ति-
आका के जूतों पर उतनी चमक “चेरी ब्लॉसम” से नहीं आ सकती, जितनी “चमचों के थूक” से आती है।
【प्रणय प्रभात】
#कटोक्ति-
आका के जूतों पर उतनी चमक “चेरी ब्लॉसम” से नहीं आ सकती, जितनी “चमचों के थूक” से आती है।
【प्रणय प्रभात】