■ समझाइश…
“दुनिया बड़ी ज़ालिम है। इसे किसी का सपना देखना भी नहीं सुहाता। सफल होते कैसे देखेगी किसी को?”
【प्रणय प्रभात】
“दुनिया बड़ी ज़ालिम है। इसे किसी का सपना देखना भी नहीं सुहाता। सफल होते कैसे देखेगी किसी को?”
【प्रणय प्रभात】