■ वाणी वंदना के साथ बधाई
#शुभ_बसन्तोत्सव
■ वाणी वंदना
【प्रणय प्रभात】
आप सभी के शीश पर मां शारदा का शुभाशीष और वरद-हस्त बना रहे। यही मंगलकामनाएं। इस स्तुति के साथ।
■ नव ज्ञान दे, नव व्यंजना, सम्मान दे मां भारती।
निज धर्म पर, जिन राष्ट्र पर अभिमान दे मां भारती।।
★ झंकृत करे अंत:स सभी, नव राग का संचार दे,
जो मौन को कर दे मुखर, जो शून्य को आकार दे।
मेरे हदय के वाद्य को, वो गान दे मां भारती।
निज धर्म पर, निज राष्ट्र पर अभिमान दे मां भारती।।
★ हम शांति ध्वज धारण करें, हम प्रेम का संदेश दें,
विकृत का रूप संवार कर, जग को नया परिवेश दे।
यह लेखनी चलती रहे, वरदान दे मां भारती।
निज धर्म पर, निज राष्ट्र पर अभिमान दे मां भारती।।
★ ले कर के सीख अतीत से, हम आज सुख से जोड़ दें,
हम सद्गुणों की राह पर, आगत को अपने मोड़ दें।
सत्कर्म का, सन्मार्ग का, अनुमान दे मां भारती।
निज धर्म पर, निज राष्ट्र पर अभिमान दे मां भारती।।
★ मां ब्रह्मजा, वागीश्वरी, पद्मासना, कमलासना,
हम पुत्र भाव-प्रसून ले, करते हैं तेरी वन्दना।
निज पुत्र को तव चरण में, स्थान दे मां भारती।
निज धर्म पर, निज राष्ट्र पर अभिमान दे मां भारती।।
【संपादक】
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