■ मज़ाक मज़ाक में….
#मज़ा_आ_गया
■ चल निकली पहली बाल कविता
【प्रणय प्रभात】
श्योपुर के मौसम और एक चित्र पर सहज ही लिखी गई पहली बाल कविता “सूरज सोया, ओढ़ रज़ाई” ने मज़ा बांध दिया। प्रिय भतीजी #गौरी (दर्शना) ने याद कर के सुना डाली। शिक्षिका #श्रीमती_मंजू_शुक्ला ने सुबह-सवेरे अपनी कक्षा के सारे बच्चों को याद करा के शुभ शगुन कर ही दिया था। कल ग्वालियर से प्यारी भांजी #लालिमा ने व्हाट्सअप पर वॉइस मेसेज भेज कर कविता स्कूल में सुनाने का प्रॉमिस किया। इंदौर से प्यारे भांजे #अव्यान, शिवपुरी से लाडली भांजी #ओजस्विनी और जयपुर से प्रिय भतीजी #सारक्षी के वीडियो आने लगभग पक्के हैं। मतलब यह है कि जल्द ही दूसरी बाल कविता लिखनी पड़ेगी। इस रिस्पॉन्स के सम्मान में। हा… हा…हा…हा।