हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
आचार्या पूनम RM एस्ट्रोसेज
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
यारों... फिर ना होगा इंतजार यूँ किसी का !!
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
गीत- हवा-सी यार है ये ज़िंदगी...