■ कटाक्ष / कोरी क़वायद
#कैसी_रही_सलाह…?
【प्रणय प्रभात】
■ एक नागरिक-
“सर! तीन बार जनसुनवाई में आवेदन दे आया। कोई निराकरण नहीं हुआ। क्या करूं…?”
■ मेरा जवाब-
“चौथी बार फिर से देकर आओ अपना आवेदन।”
■ नागरिक-
“क्या चौथी बार में हो जाएगी सुनवाई और कार्यवाही….?”
■ मेरा जवाब-
“नहीं! इससे पांचवीं बार जाने का अवसर मिल जाएगा मेरे भाई…!!”
【लाल फीताशाही के नव प्रयोगवाद पर कटाक्ष】