मैं हारा हूं बस एक परीक्षा में
हम एक-दूसरे के लिए नहीं बने
मेरे हर शब्द की स्याही है तू..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
मैं कौन हूँ कैसा हूँ तहकीकात ना कर
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
राम - दोहे - डी के निवातिया
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
हे ब्रह्माचारिणी जग की शक्ति
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।