बंसी और राधिका कहां हो तुम?
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तेवरी के तेवर जनाक्रोश के हैं +यशपाल वैद
********* आजादी की कीमत **********
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
जीवन का प्रथम प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कभी ताना कभी तारीफ मिलती है
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,