उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
#ਗਲਵਕੜੀ ਦੀ ਸਿੱਕ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
छन्द- सम वर्णिक छन्द " कीर्ति "
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
जीवनसाथी अच्छा होना चाहिए,
यह जो आँखों में दिख रहा है
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
जीवन की जटिलताओं को छोड़कर सरलता को अपनाना होगा।