देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
मैं टीम इंडिया - क्यों एक अभिशापित कर्ण हूँ मैं!
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
*फल कभी-कभी मिलता तुरंत, तो कभी समय लग जाता है (राधेश्यामी छ
" हैं पलाश इठलाये "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ऐ फूलों पर चलने वालो, काॅंटों पर भी चलना सीखो ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कुदरत का कानून है ...जो करोगे
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता