महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
రామయ్య మా రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"उम्मीद की किरण" (Ray of Hope):
पर्यावरण में मचती ये हलचल
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*शाश्वत जीवन-सत्य समझ में, बड़ी देर से आया (हिंदी गजल)*
बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेई
भय दिखा कर कोई महान नहीं हो सकता है, हां वो प्रेमपूर्ण होने