शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
हमने ये शराब जब भी पी है,
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
बहू चाहिए पर बेटी नहीं क्यों?
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
राम
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
तुम मेरे लिए सब कुछ हो ...
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आदमी और धर्म / मुसाफ़िर बैठा