नया वर्ष मुबारक हो
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
#शोभा धरतीमात की
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मुहब्बत से हराना चाहता हूं
परीक्षाएँ आ गईं........अब समय न बिगाड़ें
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
आप से उम्मीद हम कैसे करें,
यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल)
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)