Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2023 · 1 min read

■ आज का दोहा…

■ सर्वोपरि है धैर्य…..
पूज्य गोस्वामी तुलसीदास जी ने आपदा-काल में जिन्हें परखने की शिक्षा दी है, उनमें सबसे ऊपर धैर्य अर्थात धीरज है। यदि आप अपने धैर्य की परख में सफल हो जाते हैं तो कोई भी परिस्थिति आपको कभी विचलित नहीं कर सकती। गोस्वामी जी जी कृत चौपाई है-
“धीरज, धरम, मित्र अरु नारी।
आफत-काल परखिए चारी।।”
मैंने स्वयं इस चौपाई की कसौटी पर स्वयं को परखा और 75 प्रतिशत अर्थात तीन तिहाई सफल भी रहा। धीरज, धर्म और धर्मपत्नी के कारण। जय सियाराम।।
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 479 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देश भक्ति गीत
देश भक्ति गीत
Neelam Sharma
कैसे सँवार लूं
कैसे सँवार लूं
हिमांशु Kulshrestha
जीवन सबका एक ही है
जीवन सबका एक ही है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Santosh Khanna (world record holder)
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
gurudeenverma198
अड़बड़ मिठाथे
अड़बड़ मिठाथे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"अफसाना"
Dr. Kishan tandon kranti
देश के अगले क़ानून मंत्री उज्ज्वल निकम...?
देश के अगले क़ानून मंत्री उज्ज्वल निकम...?
*प्रणय*
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
देवी,शक्ति और जगदम्बा
देवी,शक्ति और जगदम्बा
Chitra Bisht
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
Shweta Soni
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
Sonam Puneet Dubey
"सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं क
पूर्वार्थ
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
"" *रिश्ते* ""
सुनीलानंद महंत
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
माॅं के पावन कदम
माॅं के पावन कदम
Harminder Kaur
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
जीवन मंथन
जीवन मंथन
Satya Prakash Sharma
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
Sanjay ' शून्य'
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
बड़ा मज़ा आता है,
बड़ा मज़ा आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हुस्न की नुमाईश मत कर मेरे सामने,
हुस्न की नुमाईश मत कर मेरे सामने,
Buddha Prakash
**ईमान भी बिकता है**
**ईमान भी बिकता है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
सत्य कहाँ ?
सत्य कहाँ ?
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
Neelofar Khan
3045.*पूर्णिका*
3045.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...