■ आज का दोहा…
■ सर्वोपरि है धैर्य…..
पूज्य गोस्वामी तुलसीदास जी ने आपदा-काल में जिन्हें परखने की शिक्षा दी है, उनमें सबसे ऊपर धैर्य अर्थात धीरज है। यदि आप अपने धैर्य की परख में सफल हो जाते हैं तो कोई भी परिस्थिति आपको कभी विचलित नहीं कर सकती। गोस्वामी जी जी कृत चौपाई है-
“धीरज, धरम, मित्र अरु नारी।
आफत-काल परखिए चारी।।”
मैंने स्वयं इस चौपाई की कसौटी पर स्वयं को परखा और 75 प्रतिशत अर्थात तीन तिहाई सफल भी रहा। धीरज, धर्म और धर्मपत्नी के कारण। जय सियाराम।।
【प्रणय प्रभात】