स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
तुम केश तुम्हारे उड़ने दो
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
क्या कहें,देश को क्या हो गया है
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुमसे दूर इस उदास शहर में, उस सूखती नदी के किनारे पर बैठा हु
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हम मुहब्बत के परस्तार रियाज़ी तो नहीं
चलना तुमने सिखाया ,रोना और हंसना भी सिखाना तुमने।
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Started day with the voice of nature
बदलता बचपन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गृहणी का बुद्ध
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
गर्व हो रहा होगा उसे पर्वत को