उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में।
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
बिन तेरे जिंदगी हमे न गंवारा है
एक सलाह, नेक सलाह
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
* मुस्कुराते हैं हम हमी पर *
*लम्हा प्यारा सा पल में गुजर जाएगा*
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
कच्ची उम्र में प्रतियोगिता
*साथ तुम्हारा मिला प्रिये तो, रामायण का पाठ कर लिया (हिंदी ग
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मेरी अम्मा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "