■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■
#वर्तमान-
■ परखनली में शिक्षा
और
■ सलीब पर शिक्षक
●*(बाक़ी सब तस्वीर में)*●
साल में एक दिन करते रहिए रस्म-अदायगी। होते रहिए खुश, संक्रमण के बीच। गरिमा व गौरव भुला कर। मनाते रहिए “एक दिवस, पीटते रहिए डुग्गी।” समय के वक्ष पर बिछी चौसर के मोहरों के बीच। मन मसोस कर, कसमसाते हुए। सब कुछ साफ़, गुस्ताख़ी माफ़।
【प्रणय प्रभात】
सम्पादक/न्यूज़&व्यूज़