■मौजूदा हालात में■
#मुक्तक-
■मौजूदा हालात में■
“ज़ख़्म है, दर्द है, तबाही भी।
संग हालात की गवाही भी।।
रोशनी की लकीर गिन बेशक़,
देख बिखरी हुई सियाही भी।।”
😢प्रणय प्रभात😢
#मुक्तक-
■मौजूदा हालात में■
“ज़ख़्म है, दर्द है, तबाही भी।
संग हालात की गवाही भी।।
रोशनी की लकीर गिन बेशक़,
देख बिखरी हुई सियाही भी।।”
😢प्रणय प्रभात😢