√√ *मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】*
मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】
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(1)
उसको पाना है यदि तो ,मन वृंदावन करना होगा
करना होगा रास ,बाँसुरी अधरों पर धरना होगा
(2)
मन के अंदर मैल छिपा जो राग द्वेष मद मत्सर का
इनसे खाली कर के भीतर प्रेमामृत भरना होगा
(3)
कृपासिंधु मनमोहन भी बरसाएँगे रस-धारा को
राधे-राधे नाम-जाप से हर संकट हरना होगा
(4)
बुद्धि ज्ञान चातुर्य-भाव से कब ईश्वर मिल पाते हैं
भोले-भाले बन जाओ तो ईश्वर को तरना होगा
(5)
केशव हमने सौंपी अपनी डोर तुम्हारे हाथों में
पुनर्जन्म से मुक्ति ,नहीं फिर अब जीना-मरना होगा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451