√√मुस्काएँ होली में 【 हास्य गीतिका】
मुस्काएँ होली में 【 हास्य गीतिका】
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(1)
रोने वाली सूरत है लेकिन मुस्काएँ होली में
थोड़ा हँसकर साहिब ! अच्छा पोज बनाएँ होली में
(2)
दहीबड़े गुँजिया थोड़े-से कम ही खाएँ होली में
पेट आपका है ,फटने से इसे बचाएँ होली में
(3)
जिससे बदला लेना उसको सुबह-सुबह घर बुलवाकर
गरमागरम पकौड़ों के सँग ,भाँग खिलाएँ होली में
(4)
लोग यही समझेंगे होली खूब आपने खेली है
मुखड़े पर छिड़कें गुलाल ,फोटो खिंचवाएँ होली में
(5)
घर से निकलें तो गुलाल को मुख पर खूब लपेटें खुद
पक्के रंगों से शायद ,ऐसे बच जाएँ होली में
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451