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16 Jan 2018 · 1 min read

‪टूटने का महज मंजर दिखाई देता है

‪टूटने का महज मंजर दिखाई देता है!‬
‪नहीं महफूज अब ये घर दिखाई देता है!!‬

‪मैं कब तलक तुम्हें सीने से लगाऊंगा भला,‬
‪तुम्हारे हाथ में खंजर दिखाई देता है!!‬

‪बड़ा शातिर है पड़ोसी वो करे भी तो क्या!‬
‪उसे भी अपनों का ही डर दिखाई दे‬ता है!!

‪हाल बदतर हैं पेट भरने को रोटी भी नहीं!‬
‪मगर कश्मीर का केसर दिखाई देता है!!‬

‪रहनुमाओं ने मेरे आंख तरेरी जब से!‬
‪खौफ अंदर और बाहर दिखाई देता है!!‬

‪नफरतें खत्म होंगी और दोस्ती होगी!‬
‪बैर का लम्बा ना सफर दिखाई देता है!!
@विपिन शर्मा‬

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