••नक्शे कदम हमारे••
नक्शे कदम हमारे वैसे तो चाँद पर हैं हैरत है इस जमीं पर चलना हमें न आया.. हे मूर्ख मानव अब क्यूँ तू घबराया तब नहीं सोचा जब प्रकॄति पर कहर ढाया आज जरा सी ? हिली तो खुदा याद आयानक्शे कदम हमारे वैसे तो चाँद पर हैं हैरत है इस जमीं पर चलना हमें न आया……………
जब पेड़ो पर चलाकर आरा (धरती) ? माता को निर्वस्त्र कर रहे थे तब नहीं सोचा वो जरा सी हिली क्या सब हिल गये