Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2024 · 1 min read

মন তুমি শুধু শিব বলো (শিবের গান)

মন তুমি শুধু শিব বলো
মন তুমি শুধু শিব বলো,
শিব বলে বলে পাগল হয়ে
শিবের কাছে যাও চলে।।

যিনি ত্রিভুবনের রাজা
জন্ম মৃত্যু হাতে যাঁর,
মন সদা করো ধ্যান তাঁর
সদা করো তাঁর সাধনা।।

ভোলাবাবা মহেশ্বর
মহাবিশ্বের প্রভু,
মন তুমি সেই ঈশ্বরের
করতে থাকো ধ্যান শুধু।।

মন তুমি নাম গাও
মহাদেবের নাম গাও,
সে রুদ্র শিব মহাকাল
বড়ই ভক্তবৎসল।।

‘বম বম’ বলে বলে
যাও মন পাগল হয়ে,
ক্ষতি নেই কিছু পাগল হলে
শিবের আশিস ঠিকই পাবে।।

বলো মন জয় উমাপতি
বলো মন জয় কৈলাসপতি,
বলো মন জয় শিব শঙ্কর
বলো মন জয় গঙ্গাধর।।

— অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
২/১১/২০২৪

Language: Bengali
39 Views

You may also like these posts

वही वक्त, वही हालात लौट आया;
वही वक्त, वही हालात लौट आया;
ओसमणी साहू 'ओश'
अश्रु से भरी आंँखें
अश्रु से भरी आंँखें
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
तू मेरी रोशनी मैं तेरा दीपक हूं।
तू मेरी रोशनी मैं तेरा दीपक हूं।
Rj Anand Prajapati
ममता का सच
ममता का सच
Rambali Mishra
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
// पिता एक महान नायक //
// पिता एक महान नायक //
Surya Barman
"पापा की परी”
Yogendra Chaturwedi
तुम्हें जब सोचते हमदम ज़माना भूल जाते हैं ।
तुम्हें जब सोचते हमदम ज़माना भूल जाते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
दरार
दरार
D.N. Jha
उलझी  उलझी  सी रहे , यहाँ  वक़्त की डोर
उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
Dr Archana Gupta
आजादी का अमृत गौरव
आजादी का अमृत गौरव
RAMESH Kumar
गलतफहमी
गलतफहमी
Sanjay ' शून्य'
पिता
पिता
Mamta Rani
सियासी वक़्त
सियासी वक़्त
Shikha Mishra
"बस्तर का बोड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
संस्कार
संस्कार
Kanchan verma
मांझी मोड़ ले नांव अब
मांझी मोड़ ले नांव अब
Shekhar Chandra Mitra
"दानव-राज" के हमले में "देव-राज" की मौत। घटना "जंगल-राज" की।
*प्रणय*
बाग़ तू भी लगा तितलियाँ आएगी ...
बाग़ तू भी लगा तितलियाँ आएगी ...
sushil yadav
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
बेटी का हक़
बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
*आदर्शों के लिए समर्पित, जीवन ही श्रेष्ठ कहाता है (राधेश्याम
*आदर्शों के लिए समर्पित, जीवन ही श्रेष्ठ कहाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Orange 🍊 cat
Orange 🍊 cat
Otteri Selvakumar
ताउम्र जलता रहा मैं तिरे वफ़ाओं के चराग़ में,
ताउम्र जलता रहा मैं तिरे वफ़ाओं के चराग़ में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्य दृष्टि (कविता)
सत्य दृष्टि (कविता)
Dr. Narendra Valmiki
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
Ajay Mishra
मुस्कुराहटे जैसे छीन सी गई है
मुस्कुराहटे जैसे छीन सी गई है
Harminder Kaur
बासठ वर्ष जी चुका
बासठ वर्ष जी चुका
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...