६ दोहे
खोखले में न खोजना, तन मन जीवन तंग l
सहज बदल ले योजना, शान्ति नहीं हो भंग ll
रमी का खेल है कहे, नहीं जमे दो फेंक l
जिन्दगी जीत को सहज, चालाकी दो नेक ll
साहित्य रखे शब्द हित, बड़ा ही ख़ास ख़ास l
लेखकों बस रखों इसे, सदा ही पास पास ll
जब तक यह जीवन नहीं, है भीतर से नेक l
चिंताएं दुख है धरे, सहज अनेक अनेक ll
स्वयम में अर्थहीन है, अपना अर्थ न ढूंढ l
दिया जला तम में कभी, सहज सत्य ना ढूंढ ll
इश्क तू छोड़ छोड़ ले, राह ले मोड मोड ।
बड़ी अडचने आय है, यह सही तोड तोड ।।
अरविन्द व्यास “प्यास”