३ दोहे , भूल बस कबूल करलो , रखो सुंदर असूल l
भूल बस कबूल करलो , रखो सुंदर असूल l
द्वेषों से भारी भरी, हर सोच है फ़िजूल ll
कर्मो की माया रही, फल है होत वसूल l
खुद के मन को तोल ले, तो शान्ति होत अतुल ll
तुम खुश तो आत्मा सही, यह सच जीवन मूल l
चिंताएं बस है रखे, विषय प्यास है भूल ll
अरविन्द व्यास “प्यास”