यह कैसी गोद भराई #१०० शब्दों की कहानी#
सुबह से ही मेहमानों का तांता लगा था, गोद भराई थी न कुसुम की, नौकरी के लिए प्रयासरत थी कि पापा ने कानपुर में अच्छे व्यवसायी अविनाश से रिश्ता तय कर दिया ।
चाचाजी चट मंगनी व पट ब्याह रचाने की योजना बना ही रहे थे कि इससे पूर्व सासु मां पांच फलों से गोद भराई की रस्म अदा कर रिश्ता करके गईं थीं कि खबर आई , वे दहेज मांग रहे हैं । सुनते ही मैं बाहर आई कुसुम से मिलने व यहां रिश्ता न करने के फैसले के साथ लोभियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही ।