चलना ही जिंदगी #१०० शब्दों की कहानी#
बेबी मौसी परिवार सहित बाईक पर किसी विवाह में जा रही थी, अचानक ही ट्रक तेजी से आने से दुर्घटना का शिकार हो गई, उसे व बेटी को चोट ज्यादा लगी ।
शीघ्र ही उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी के साथ ही सिर- पैरों की सर्जरी की गई एवं बेटी के पैरों का उपचार हुआ । इसके बावजूद उसके पहले शब्द” मेरे बच्चे-पति ठीक हैं” ।
डॉक्टर ने उसे छड़ी के सहारे से चलने की सलाह दी , पर मौसी स्वयं की हिम्मत से ही चल रही है ,बच्चोंहेतु जीने की प्रबल इच्छाशक्ति जो थी ।