बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
"सलाह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
कभी मिले फुरसत तो उन लड़कों के बारे में सोचना,
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
"ये अलग बात है, पानी गुज़र गया सिर से।
మనిషి ఓ మరమనిషి తెలుసుకో ఈ ప్రపంచపది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे?
कोई दर ना हीं ठिकाना होगा