बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
देख लो आज़ उसकी चिट्ठी आई है,
I Can Cut All The Strings Attached.
अंधेरा छंट जाए _ उजाला बंट जाए ।
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
"व्यवहारों की जगह व्यापारों ने ले ली है ll
कोई पढ़ ले न चेहरे की शिकन
*फहराते भगवा ध्वजा, भारत के हम लोग (कुंडलिया)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
महिला दिवस विशेष -कारण हम आप हैं
बंसी और राधिका कहां हो तुम?
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
#बस, #एक दिवस मेरी माँ का
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी