Dr. Arun Kumar Shastri - Ek Abodh Balak - Arun Atript
हम किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
बिना अश्क रोने की होती नहीं खबर
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
तेरी यादें भुलाने का इक तरीका बड़ा पुराना है,
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर