।। शौर्य गाथा महाराणा प्रताप ।। भाग 1
चाहे जान चली जाए ।
अरमान चला जाए।।
हम ऐसे – वैसे नही की।
ईमान चला जाए।।
चाहे आंधी आ जाए ।
चाहे प्रलय ढा जाए ।।
हम ऐसे – वैसे नही की।
मैदान छोड़ जाए ।।
चाहे लाख करे बुराई ।
चाहे बढ जाए रुसवाई ।।
हम ऐसे- वैसे नही की।
प्रेम चला जाए ।।
हम कुछ भी बन जाए ।
चाहे सारी दौलत पाए।।
हम ऐसे – वैसे नही की ।
सम्मान भूल जाए ।।
☆☆Rj Anand Prajapati☆☆