।। मति बदली , जीवन बदला ।।
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
एक कुम्हार माटी से चिलम बनाने जा रहा था..।
उसने चिलम का आकार दिया..।
थोड़ी देर में उसने चिलम को बिगाड़ दिया…l
माटी ने पूछा -: अरे कुम्हार, तुमने चिलम अच्छी बनाई फिर बिगाड़ क्यों दिया.?
कुम्हार ने कहा कि -: अरी माटी, पहले मैं चिलम बनाने की सोच रहा था,
किन्तु मेरी मति (दिमाग) बदली और अब मैं सुराही बनाऊंगा,,,।
ये सुनकर माटी बोली -: रे कुम्हार, मुझे खुशी है कि, तेरी तो मति बदली, मेरी तो जिंदगी ही बदल गयी…l
चिलम बनती तो स्वयं भी जलती और दूसरों को भी जलाती ,,,
अब सुराही बनूँगी तो स्वयं भी शीतल रहूँगी …और दूसरों को भी शीतल रखूंगी…l
“यदि जीवन में हम सभी सही फैसला लें…तो हम स्वयं भी खुश रहेंगे.., एवं दूसरों को भी खुशियाँ दे सकेंगे 🙏