।। जीवन दान ।।
।। बेटियों ने दिया पिता को जीवनदान।।
जीवन में कभी कभी हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हो जातें हैं जहाँ पर कुछ समझ नहीं आता है कि क्या करें अचानक से ही कुछ ऐसा घटित हो जाता है कि कोई मार्ग ही नही सूझता है ? ? लेकिन अगर हम सभी एक दूसरे के साथ साथ हो लें तो कोई भी समस्या आसानी से हल हो जाती है और फिर पता ही नही चलता ये अचानक कैसे चमत्कार हो जाता है लेकिन एक दूसरे का साथ बेहद जरूरी है सभी के सहयोग से ही बिगड़े हुए कार्य सरलता से पूर्ण हो जातें हैं।
एक ऐसी स्थिति की सुखद अनुभव शेयर कर रही हूँ परिवार में पिता जी की तबीयत अचानक खरांब हो गई और उनकी तीन बेटियाँ एक बेटा भी है लेकिन बेटा कुछ दूर शहर में रहता है और तीनों बेटीयाँ एक ही शहर में पढ़ी लिखी खुद सक्षम अपनी जिम्मेदारियां निभाने वाली दो बहन आयुर्वेदिक चिकित्सा से परिपूर्ण डॉक्टर पद पर प्रतिष्ठित है और तीसरी हॉटल मैनेजमेंट याने खुद का व्यवसाय है ।बहनों का प्यारा सा भाई इंजीनियर पद पर कामयाबी हासिल की है
एक दिन अचानक पिता जी की तबीयत बिगड़ जाने से उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और स्थिति बहुत ज्यादा खरांब होने से वेंटिलेटर पर रखा गया था और परिवार के अधिकतर लोग मिलकर चले गए थे लेकिन तीनो बहनों ने दिनरात एक करके अपने पिताजी की सेवा भाव में जुटी रही ना दिन का चेन ना खाने पीने का ख्याल रखा और सुबह शाम ड्यूटी में लगी रही उनके दामाद भी साथ में सहयोगी बनकर अपना कर्तब्य पूरा किया साथ में सभी बहनों के छोटे छोटे बच्चों ने भी अपनी मम्मी पापा का भरपूर सहयोग प्रदान किया है ।
अचानक पिताजी की तबीयत बिगड़ जाने से वेंटिलेटर पर रखा गया था और कुछ दिनों बाद हटाने की कोशिश करते समय डॉक्टर ने कहा दो घंटे देख लेतें हैं फिर देखते हैं क्या उम्मीद रहती है वैसे कई बार वेंटिलेटर हटाने के बाद मरीज की हालत खराब हो जाती है और बचने की उम्मीद कम ही रहती है लेकिन ऑक्सीजन देते हुए मरीज को कुछ नए टेकनीक से बचा लिया जा सकता है और कुछ ऐसा ही चंमत्कार घटित हुआ है और फिर से सॉस को नियमित करने से वापस लौट कर नया जीवन दान मिल गया है ।
यह चंमत्कार करिश्मा कोई और नही पिताजी के तीनों बेटियों ने कर दिखाया है एक एक बहनों ने सुबह शाम पहरा देते हुए हॉस्पिटल में जी जान से सेवा करते हुए अपनी सेहत और बच्चों का भी ध्यान नहीं रखा ईश्वर के सहारे ही बच्चों को छोड़कर अपने कर्तब्य का पालन करते हुए दिन रात सेवा में जुटी रही और एक दूसरे का सहारा लेकर सहयोग करते हुए अपने पिताजी को नया जीवन दान दे दिया है।
उनकी तबीयत में काफी हद तक सुधार हो गया है और अब पिताजी कुछ तरल पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और कुछ राहत महसूस कर रहे हैं।
आज सभी परिवार वाले लोग खुश हैं क्योंकि बेटियों की तपस्या करने का सही परिणाम स्वरूप कुछ सौगात ईश्वर ने प्रदान किया है बेहद खुशी का मौका मिला है किसी को नया जीवनदान देना सबसे बड़ा पुण्य प्रताप और बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया है।
जब कोई भी नेक काम करता है उसके लिए इंसान तो क्या खुदा भी नेकी को कबूल कर लेता है और बदले में कुछ उपहार स्वरूप प्रदान करता है।
यही वजह है कि कुछ अच्छा करने से अच्छा फल सफल जीवन में सुखद अनुभव मिलता है।
इसका बहुत बड़ा हिस्सा बेटियों को ही जाता है बेटियाँ अपने घर का ही नही वरन दोनों पक्षो के परिवार के कुल को तार देती है जिसे हम सभी बयान नही कर सकते हैं।
अन्न दान ,वस्त्र दान, अंग दान ,से भी सबसे बडा दान जीवनदान है जो इस जगत में बहुत कम लोग ही करते हैं लेकिन तीन बहनों ने यह चमत्कारी करिश्मा कर दिखाया है।
आज पूरा परिवार ही नही ईश्वर भी अपनी कृपा दोनों हाथों से तीनों प्यारी सी बेटियाँ एंजिल बनकर अपने आदर्श पिताजी के साथ साथ पूरे परिवार में सुखद आश्चर्य जनक मिसाल कायम किया है।
*** श्रीमती शशिकला व्यास ***
# भोपाल मध्यप्रदेश #
??? यह एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी लिखी गई है ।
मौलिक है ।