-:।। क्यों विखरने लगे ।।:-
आज मां बाप से बच्चें क्यों विखरने लगे
जप की माला से क्यों मणियां विखरने लगे
आपसी था प्रेम तो परिवार क्यों विखरने लगे
भीड़ से अलग लोग क्यों विखरने लगे
मंदिर में साथ आने वाले क्यों विखरने लगे
गए साथ शमशान तो लोग क्यों विखरने लगे
द्वेष, क्रोध, लोलुपता से सारे रिश्ते विखरने लगे
भावना की कमी से विचार तो विखरने लगे