।। करोना ।।
अमवां के बौर,
कोयल की कूक,
सब रोना-धोना ले गया।
बसंत की सारी उमंग
करोना ले गया।
चैत मास नव वर्ष,
सुहावन साज प्रकृति की,
घर में सोना-सोना ले गया।
बसंत की सारी उमंग,
करोना ले गया।
नव पल्लव,
नव पुष्प रचे,
नव गीत प्रीत
सब खाक मिले।
हंसी ठिठोली,
झूठे का चोना-मोना ले गया।
बसंत की सारी उमंग,
करोना ले गया।
✍️ शिवपूजन यादव’सहज’
ग्राम पोस्ट रामपुरकठरवां लालगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश।