।। ऐ बादल!अब तो बरस जा।।
ऐ बादल!अब तो बरस जा।
कब से है मन तरसा,
अब तो बरस जा।
बनके बारिशें कर मुझे तर-बतर,
ऐ बादल!अब तो बरस जा।
कब से है मन तरसा
अब तो बरस जा।।
सरस-सरस बूँदें तेरी,
कितनी प्यारी लागे।
बूँद जो गिरे तन पे,
मन की प्यास जागे।
झमाझम कर फुहारें,
उमड़-घुमड़ न तू नीले गगन मेंं।
सूखी पडी दिल की जमीं, ज़रा प्यास बुझा।
ऐ बादल!अब तो बरस जा।
कबसे है मन तरसा,
अब तो बरस जा।।
धरा-धरा हरा करदे।
बँज़र ज़मीं पे ,
बूँदें ज़रा भर दे।
कहकशां सा आलम ,
महकने लगेगा।
मृग बनके मन बावरा चहकने लगेगा।
प्रीत बनके हवाओं मे,
ज़रा तीश्निगी भर दे।
वो प्यार बनके,
ऐ मेरे यार बरस जा।
ऐ बादल!अब तो बरस जा।
कबसे है मन तरसा,
अब तो बरस जा।
बनके बारिशें कर मुझे तर-बतर,
ऐ बादल!अब तो बरस जा।
कबसे है मन तरसा,
अब तो बरस जा।।
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> स्वरचित् गीतकार, संगीतकार,
गायक व कवि – Nagendra Nath mahto
( N N MAHTO)
Youtube : – n n mahto official
Thanks!
Copyrights:- Nagendra Nath mahto