।।। तो मैं पागल हू।।।
तेरी आँखों की इशारे जो ना समझू ,
तेरी जुल्फो की शरारत जो ना समझू।
तेरी होठों की शिकायत जो ना समझू ,
तेरी मेकअप की मिलावट जो ना समझू ।।
तो मैं पागल हू ।।।
तेरी मन की मुस्कुराहट जो ना समझू ,
तेरी गजरा की सजावट जो ना समझू ।
तेरी झुमको की झनझनाहट जो ना समझू ,
तेरी तन की सुगबुगाहट जो ना समझू ।।
तो मैं पागल हू ।।।
तेरी पैरों की आहट जो ना समझू ,
तेरी दिल की चाहत जो ना समझू ।
तेरी दातो की टकटकाहट जो ना समझू
तेरी चेहरों की लिखावट जो ना समझू ।।
तो मैं पागल हू ।।।
तेरी चुडियो की खनखनाहट जो ना समझू ,
तेरी गालों की ललाहट जो ना समझू ।
तेरी चालो की चकचकाहट जो ना समझू ,
तेरी बातों की हिचकिचाहट जो ना समझू ।।
तो मैं पागल हू ।।।