।।मोक्षदायिनी हो।।
।।मोक्षदायिनी हो।।
माता मेरी सिंहवाहिनी,
तुम ही जग की कल्याणी हो।
देव ऋषि दानव मानव करते पूजा,
तुम ही मात भवानी हो।
सिंहासन पर आन विराजी,
तुम ही सब की महारानी हो।
संकट और दुःखों से पार लगातीं,
तुम ही पापहारिणी पापनाशिनी हो।
हे मैया हमे शरण रखना,
तुम ही विद्यादायिनी मोक्षदायिनी हो।
बृन्दावन बैरागी “कृष्णा”