।।तुम्हे बताये क्या इश्क।।
।।तुम्हे बतायें क्या इश्क है।।
तुम्हें बतायें क्या इश्क है
किया नही तो ना समझ सकोगे
इश्क प्रेम है खुदा की इबादत
हवस वासना में इसे ना जी सकोगे
इश्क है जूनून यारो सभी नशा से बड़ा नशा है
हो गया गर इश्क तुमको शराब ना पी सकोगे
की मोहब्बत दिल से हमने
जिया है खुद को पल पल हमने
गर इश्क में तुमने की बेवफाई
चैन से तुम ना जी सकोगे
इश्क का रंग है जुदा सभी से
जैसे खिलता गुलाब यारो
की मोहब्बत से दिल से तुमने
इश्क को तुम समझ सकोगे
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
पोस्ट कौड़िया(गाडरवारा)
जिला-नरसिंहपुर मध्यप्रदेश(भारत)
मो.9893342060