।।करोना तुझे हराना है।।
बहुत रह लिये घर में अब, बहुत हो गया नुकसान हमारा,
अब घर से बाहर जाकर, सुरक्षा को अपनाकर,
अपने काम पर वापस जाना है।
हर रोज तुझसे लड़कर जीत वापस आना है,
करोना तुझे हराना है।
मास्क को अपना दोस्त बनाकर, उसका साथ निभाना है,
स्वच्छता को अपनाकर, जन-जन को स्वस्थ बनाना है।
मानव को मानव से दूरी बनाकर, आज मानवता को बचाना है,
करोना तुझे हराना है।
अपनी सभ्यता, संस्कृति का पाठ सबको पढ़ाना है।
“सर्वे भवन्तु” का नारा फिर से दोहराना है,
करोना तुझे हराना है।
बहुत कुछ खो दिया, मगर बहुत कुछ पाना बाकि है,
जिन्दगी के इस सफर में मंजिल अभी बाकि है,
अपने आत्मविश्वास को फिर से पाकर, हौंसलों की उड़ान भरकर,
जीवन फिर से सरल बनाना है,
करोना तुझे हराना है।
इसकी ना कोई जाति है, न धर्म,
सबको इसने पहचाना है।
हम सबको मिलकर एक साथ, इसके काल चक्र को तोड़कर, इसको हराना है।
करोना तुझे हराना है।
– रूचि शर्मा (असिस्टेंट प्रोफेसर)
रामा इंस्टीट्यूट ऑफ हाॅयर एजूकेशन, बिजनौर
(उo प्रo)