“फ़ादर्स-डे”–की बधाइयाँ
बनता पालनहार है,जन्ममूल आधार।
फल छाया तरु सम करे,पिता खुदी को हार।।
संज्ञा देता जगत् में,सौ सुख का हो सार।
चलन सिखाए नेक जो,करो पिता आभार।।
पिता सदा अभिमान है,सबल करे संतान।
सेवा करना रात-दिन,पूज्य पिता को मान।।
अपनी इच्छा मार के,कर ख़ुशियों को दान।
बनता छत संतान की,वो है पिता महान।।
माता तो रोकर रहे,विपदा पड़ती आन।
हँसके करता हल सदा,पिता गुणों की खान।।
पेट काट धन जोड़ता,कर्तव्य करे पूर्ण।
सब सुख दूँ संतान को,सोचे बना अपूर्ण।।
बूढ़े हों माँ-बाप जब,सेवा हो दिन-रैन।
पूण्य-कर्म संतान का,श्रद्धा रहती नैन।।
सच्चा फ़ादर-डे यही,समझो अपना धर्म।
जन्ममूल भगवान हैं,करिए पूजा कर्म।।
वृद्धाआश्रम रोकिए,मात-पिता सत्कार।
लाकर धरती पर तुम्हें,दिया सुखी संसार।।
बापू ने क्या है किया,बापू बनके सोच।
सत्य लगे तो कीजिए,तब जीवन में लोच।।
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
————————————-
सर्वाधिकार सुरक्षित..radheys581@gmail.com