फ़लसफ़ा जिंदगी का
तेरे होने से ही जब सुबह और शाम हमारे होते थे
दिन का हर पहर और रात भी साथ हमारे होते थे
मुलाकातें ऐसे होते थे जैसे सुकून का पल होता था
साँसों से धड़कने चलती थी जो पल साथ होता था
फलसफा जिंदगी के यूँ बदलते गए इस जीवन में
चाह उसी की कर बैठे जो था नहीं इस जीवन में
प्रेम का नाम तुमसे है प्रेम का अरदास तुमसे है
चाहत ही नहीं राहत भी हर साँस बस तुमसे है
सोहबत बस तेरे से सुकून भी तुमसे मिलता है
हर साँस जीवन का जज्बात भी तुमसे मिलता है