ढ़ोंगी बाबा
दो कुंडलियां
*********
1
आशा सँग गुरमीत भी, काट रहा है जेल
बाबाओं का देखिये, कितना सुंदर मेल
कितना सुंदर मेल , बड़े दोनों अपराधी
मस्ती में ही उम्र , गुज़ारी अपनी आधी
पहुँच न आई काम, कोर्ट से मिली निराशा
गई हाथ से छूट , रिहाई की अब आशा
2
अब देखो खुलने लगी, बाबाओं की पोल
तन मन पर ओढ़े हुए , उतरे सारे खोल
उतरे सारे खोल, भयानक सच को देखा
मर्यादा की लाँघ, इन्होंने ली है रेखा
सुनो अर्चना बात, जानते हैं अब तो सब
बाबाओं पर गाज, गिरेगी ही भारी अब
डॉ अर्चना गुप्ता
03-09-2017