ज़ज़्बा
जब-जब तुमसे मिला करेंगे।
प्यार की रब से दुआ करेंगे।।
तेरा दामन रहे चमकता।
दीपक बनकर जला करेंगे।।
हौसला जब तक है जज्बों में।
ख्वाब हृदय में पला करेंगे।।
गैरों को तो खूब ठगा है।
अब अपनों को छला करेंगे।।
“विजय” नहीं फुर्सत मरने की।
किसी से फिर क्या गिला करेंगे।।
विजय बेशर्म 9424750038