ज़िन्दगी और प्रेम ।
अगर ज़िंदगी मे सब कुछ
आसानी से मिल जाता
तो तुम हमारे पास होती
किसी को चाहना और उसे
पा लेना इतना आसान नही होता ।
प्रेम में वादे आम बात है
लेकिन वादों में प्रेम होना ख़ास है ।
तुम्हें पाने की तम्मना बेशक़ रही हो
लेकिन उम्मीद कभी कभी ख़त्म भी होती है
हजारों ख्वाहिश रहती है इस जहां में
मग़र सबको पा लेना मुमकिन तो नही है
तुम भी वो ख्वाहिश हो जो शायद
ख़्वाब तक ही सीमित है ।
प्रेम में असफलता क्या वाकई
ज़िन्दगी की असफलता है
जिसे आप चाहो बेशक़ ज़िन्दगी की खुशी हो
मग़र ज़िन्दगी तो नही कह सकते ।
– हसीब अनवर