ज़िंदगी
ज़िन्दगी हमारे खुशियों की चौकीदार नहीं
जो हर पल हमारी निगरानी करें
मौक़ा मिले तो मुस्कुराया करो
जरूरी नहीं कि ये
कल भी होंठों पर मनमानी करें।
ज़िन्दगी हमारे खुशियों की चौकीदार नहीं
जो हर पल हमारी निगरानी करें
मौक़ा मिले तो मुस्कुराया करो
जरूरी नहीं कि ये
कल भी होंठों पर मनमानी करें।