#ज़िंदगी तू ही दाता और विधाता.
सिखाया ज़िंदगी ने जो मुझे,
मिला है जो #प्रेम मुझसे,
उसे बाँटता चल,
जीवन जीने का नाम है,
दूसरों के लिये प्ररेणा बन,
तू महक
तू न बहक
है ये अस्तित्व मुझसे,
द्वंद में न उलझ,
तू सुलझ,
जीवन से है सब कर्म,
वो अधिकार मैंने तुझे दिये,
तू लड़ मत,
भाग मत,
बस ले समझ,
उतार-चढ़ाव है मेरी गति,
समझ उसे जिसे कहते मति
ज़िंदगी जीवन से ही है,
संबंधित हैं
हम सबके सम स्वधर्म स्वकर्म.
डॉ_महेन्द्र